२ थिस्सलुनीकियों
थिस्सलुनीकियों के नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी पत्री
थिस्सलुनीकियों को नाम पौलुस प्रेरित की दूसरी चिट्ठी
परिचय
यो थिस्सलुनीकियों ख लिखी गयी पौलुस कि दूसरी चिट्ठी १:१ पहिली चिट्ठी लिखन को बाद या चिट्ठी लगभग मसीह को जनम सी ५१ साल बाद लिखी। जब ओन या चिट्ठी लिखी तब ऊ कुरिन्थियों को शहर म होतो या चिट्ठी जो थिस्सलुनीकियों मण्डली ख लिखी गयी होती, यो पौलुस न अपनी दूसरी मिशनरी यात्रा को दौरान स्थापित करयो प्रेरितों १७:१-१० या मण्डली यहूदी अऊर गैरयहूदी की बनी हुयी होती।
या मण्डली को लोग आखरी समय को बारे म अऊर प्रभु को दूसरों आगमन को बारे म जानन को लायी बहुत उत्सुक होतो, येकोलायी पौलुस अपनी दोयी चिट्ठी म यो बातों को जिक्र करत होतो। या दूसरी थिस्सलुनीकियों की चिट्ठी आय अरधो सी जादा हिस्सा आखरी समय को बारे म हय जो आलसी हय उन्को बारे म भी जिक्र करय हय। अऊर यो कह्य हय कि हर एक आदमी अपनो जीवन निर्वाह करन को लायी काम करे ३:६-१०।
रूप-रेखा
१. पौलुस खुद को अऊर अपनो संगियों को परिचय देवय हय। १:१-२
२. पौलुस परमेश्वर को थिस्सलुनीकियों की मण्डली ख धन्यवाद करय हय, अऊर उन्को लायी प्रार्थना करय हय। १:३-१२
३. आखरी समय को बारे म चर्चा। २
४. आलस को विरोध म अऊर मेहनत की जरूरत को बारे म पौलुस की शिक्षा। ३:१-१५
५. पौलुस को मण्डली ख फिर सी नमस्कार। ३:१६-१८