1TH intro

☀️

१ थिस्सलुनीकियों

थिस्सलुनीकियों के नाम पौलुस प्रेरित की पहली पत्री

थिस्सलुनीकियों को नाम पौलुस प्रेरित की पहिली चिट्ठी

परिचय

थिस्सलुनीकियों की पहिली चिट्ठी प्रेरित पौलुस न १:१ लिख्यो होतो। पहिले पवित्र शास्त्र को हिस्सा बन्यो अऊर मसीह को जनम को ५१ साल बाद लिख्यो गयो, जब पौलुस न चिट्ठी लिखी तब ऊ कुरिन्थियों शहर म होतो थिस्सलुनीकियों कि मण्डली जेक ओन चिट्ठी लिखी दूसरों मिशनरी यात्रा को दरम्यान स्थापित करी गयी होती, प्रेरितों १७:१-१० प्रेरितों को कामों की किताबों म असो बतायो हय कि या मण्डली यहूदियों अऊर गैरयहूदियों की बनी होती।

या मण्डली की स्थापना करन को बाद पौलुस थिस्सलुनीकियों म जादा दिन तक रुक नहीं सक्यो। येकोलायी ओन या चिट्ठी ख उत्साह देन को लायी लिख्यो, या चिट्ठी म बहुत विषयो की चर्चा करी गयी हय, जसो कि मसीहियों न कसो रहनो चाहिये। पौलुस मसीह को दूसरों आगमन तक को बारे म लिखय हय शायद येकोलायी कि थिस्सलुनीकियों को मण्डलियों म रहन वालो विश्वासियों ख सुनावन म बड़ो उत्साह होतो, पौलुस यो विषय को द्वारा यीशु को दूसरों आगमन ख लिख क उन्ख असो जीवन जीन लायी प्रोत्साहित करय हय जेकोसी परमेश्वर सन्तुष्ट हय। ५:६-८

रूप-रेखा

१. मण्डली ख नमस्कार अऊर परमेश्वर को धन्यवाद।

२. पौलुस अपनो काम को बारे म अऊर तीमुथियुस न जो खबर लायी होतो ओको बारे म चर्चा करयो। २–३

३. यीशु को दूसरों आगमन की तैयारी करन को लायी मसीही म कसो जीवन जीनो चाहिये। ४:१–५:१५

४. पौलुस को मण्डली ख नमस्कार हर एक न ओको चिट्ठी पढ़नो चाहिये, येको बारे म सुचना। ५:१६-२८

Navigate to Verse