1 पतरस
पतरस की पैहली चिट्ठी
जानकारी
पतरस की पैहली चिट्ठी उन बिश्वासियाँ के नाम लिखी गई थी, जिननै ओड़ै “परमेसवर कै चुणे होए माणस” कह्या ग्या सै, जो एशिया माइनर कै सारे उतरी इलाके म्ह तित्तर-बितर हो कै रहवै थे। इस चिट्ठी का खास मकसद अपणे पाठकां ताहीं उत्साहित करणा सै, जो कै अपणे बिश्वास के कारण दुःख अर सताव का सामना करण लागरे थे। लेखक अपणे पाठकां ताहीं यीशु मसीह के सुसमाचार की याद दुवा, कै इसा कर सै, क्यूँके यीशु का मरणा, जी उठणा, अर यीशु का दुबारै आण के बारै म्ह बेरा होणा उननै तसल्ली देवै सै। इस नजरिये तै उननै अपणे दुखां अपणाना अर सहण करणा था, इस बिश्वास कै साथ कै यो उनके बिश्वास की सच्चाई की परख सै, अर यो सै के “यीशु मसीह कै प्रगट होण” के दिन उननै इसका फळ मिलैगा। सताव कै बखत हिम्मत बढ़ाण के साथ, लेखकां नै या भी बिनती करै सै, कै उसके पाठक इसे माणसां की तरियां जीवन बितावै जो मसीह के जन सो।
रूप-रेखा
जानकारी 1:1,2
परमेसवर के उद्धार नै याद करवाणा 1:3-12
पवित्र जीवन कै खात्तर उपदेश 1:13-2:10
दुखां कै बखत बिश्वासी की जिम्मेदारियां 2:11-4:19
मसीह की दीनता अर सेवा 5:1-11
समापन 5:12-14